आज हम जानेंगे कि धारा 144 क्या है ये कौन लागू करता है इसका उलंधन पर क्या प्रावधान है जाने पूरी बातको को Ashok Jangir LL.B Website Pr .
CrPC की धारा 144 क्या है?
CrPC की धारा 144 किसी भी इलाके में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लगायी जाती है. कुछ विशेष परिस्थितियों में इस धारा को लगाया जाता है जैसे दंगा, लूटपाट, हिंसा, मारपीट को रोककर, फिर से शांति व्यवस्था को स्थापित करने के लिए इसे लागू किया जाता है.
धारा 144 कौन लगाता है?
आपातकालीन स्थिति होने पर 144 को सुरक्षित रखने के आदेश कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिए गए हैं. यानी इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है जिसके बाद उस तनावपूर्ण इलाके में ये धारा लागू कर दी जाती है.
धारा 144 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस धारा का इतिहास ब्रिटिश राज के समय का है. 1861 में ब्रिटिश राज द्वारा पहली बार धारा 144 का इस्तेमाल किया गया था, और इसके बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी राष्ट्रवादी विरोधों को रोकने के लिए यह धारा ब्रिटिश का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गई थी.
धारा 144 के लागू होने पर क्या होता है?
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के लागू होने के बाद, उस इलाके या क्षेत्र में 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते और उस क्षेत्र में हथियारों के लाने अथवा ले जाने पर भी रोक लग जाती है. बाहर घूमने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है साथ ही आपको बता दें कि यातायात को भी इस अवधि के लिए रोक दिया जाता है. लोगों के एक साथ एकत्र होने या ग्रुप में घूमने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है इसके अलावा, गैरकानूनी सभा को तोड़ने पर पुलिस का रोकना भी एक दंडनीय अपराध होता है.
जब धारा 144 लगाई जाती है तो किस प्रकार के प्रतिबंध या रोक होती है?
धारा 144 के आदेश किस प्रकार से पारित करने की आवश्यकता होती है?
इस आदेश की अवधि क्या होती है?
इस धारा के उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान
धारा 144 लागू होने के बाद इसका पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है. इस दौरान सारे कानूनी अधिकार इलाके के मजिस्ट्रेट को दे दिये जाते हैं ताकि शांति व्यवस्था को फिर से बनाया जा सके. इस दौरान कानून का उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है साथ ही भारी जुर्माना या दोनों हो सकता है.
तो अब आप जांगे होंगे कि धारा 144 क्या होती है और इसे कब लागू क्या जा सकता है.
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Dhara 144 Kya Hai , Dhara 144 Kon Lagata Hai |
CrPC की धारा 144 क्या है?
CrPC की धारा 144 किसी भी इलाके में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लगायी जाती है. कुछ विशेष परिस्थितियों में इस धारा को लगाया जाता है जैसे दंगा, लूटपाट, हिंसा, मारपीट को रोककर, फिर से शांति व्यवस्था को स्थापित करने के लिए इसे लागू किया जाता है.
धारा 144 कौन लगाता है?
आपातकालीन स्थिति होने पर 144 को सुरक्षित रखने के आदेश कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिए गए हैं. यानी इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है जिसके बाद उस तनावपूर्ण इलाके में ये धारा लागू कर दी जाती है.
धारा 144 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस धारा का इतिहास ब्रिटिश राज के समय का है. 1861 में ब्रिटिश राज द्वारा पहली बार धारा 144 का इस्तेमाल किया गया था, और इसके बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी राष्ट्रवादी विरोधों को रोकने के लिए यह धारा ब्रिटिश का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गई थी.
धारा 144 के लागू होने पर क्या होता है?
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के लागू होने के बाद, उस इलाके या क्षेत्र में 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते और उस क्षेत्र में हथियारों के लाने अथवा ले जाने पर भी रोक लग जाती है. बाहर घूमने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है साथ ही आपको बता दें कि यातायात को भी इस अवधि के लिए रोक दिया जाता है. लोगों के एक साथ एकत्र होने या ग्रुप में घूमने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है इसके अलावा, गैरकानूनी सभा को तोड़ने पर पुलिस का रोकना भी एक दंडनीय अपराध होता है.
जब धारा 144 लगाई जाती है तो किस प्रकार के प्रतिबंध या रोक होती है?
- किसी इलाके की परिस्थिति को देखते हुए वहां पर सार्वजनिक शांति को बनाए रखने के लिए ही इस धारा को लागू किया जा सकता है.
- सार्वजनिक हितों और निजी अधिकारों के बीच संघर्ष होने पर निजी अधिकारों को अस्थायी रूप से अधिरोहित या ओवरराइड किया जा सकता है.
- नागरिक के सिविल अधिकार या किसी भी प्रकार की संपत्ति को लेकर किए गए प्रश्न पर धारा 144 के तहत कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
धारा 144 के आदेश किस प्रकार से पारित करने की आवश्यकता होती है?
- यह लिखित रूप में होना चाहिए.
- धारा 144 लगाने से पहले, कार्यकारी मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या धारा 144 लगाने की आवश्यकता है. इसके लिए उसे कुछ तथ्यों की मांग करने की भी आवश्यकता होती है.
इस आदेश की अवधि क्या होती है?
- धारा 144 केवल दो महीने की अवधि के लिए वैध हो सकता है.
- राज्य सरकार वैधता को दो महीने और अधिकतम 6 महीने तक बढ़ा सकती है.
- स्थिति सामान्य होने पर इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है.
इस धारा के उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान
धारा 144 लागू होने के बाद इसका पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है. इस दौरान सारे कानूनी अधिकार इलाके के मजिस्ट्रेट को दे दिये जाते हैं ताकि शांति व्यवस्था को फिर से बनाया जा सके. इस दौरान कानून का उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है साथ ही भारी जुर्माना या दोनों हो सकता है.
तो अब आप जांगे होंगे कि धारा 144 क्या होती है और इसे कब लागू क्या जा सकता है.
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